विनायक दामोदर सावरकर
वीर सावरकर जी के बारे में आपको पता है की वे एक क्रांतिकारी, इतिहासकार, कवी, राजनेता भी थे. उनके समर्थको ने उनको वीर सावरकर नाम से सम्बोधिक किया.
आज हम जानेगे वीर सावरकर जी के बारे में उन्होंने भारत देश में क्रांति किस लिए लाई थी भारत आजाद करवाने में उनका कितना योगदान है. और उन्होंने क्रांति किसके खिलाफ कि थी.
वीर सावरकर कि सामान्य परिचय
विनायक दामोदर सावरकर जी का जन्म 28 मई 1883 ( ग्राम भागुल, जिला नासिक ) में हुआ था. उनके पिता का नाम दामोदर पन्त सावरकर था व उनके माता का नाम राधा बाई था. इनके एक बहन थी जिसका नाम नैना बाई था व इनके दो भाई थे जिनका नाम गणेश व नारायण दामोदर सावरकर था.
जब वीर सावरकर जी मात्र 9 वर्ष के थे उनकी माता राधा बाई का हैजे की महामारी में देहांत हो गया था. उसके बाद 1899ई . में उनके पिता दामोदर पन्त सावरकर का देहांत हो गया था. उसके बाद उनके बड़े भाई ने पुरे परिवार को लालन पालन किया था.
लन्दन प्रवास
1904 में उन्होंने अभिनव भारत नामक एक क्रन्तिकारी संगठन की स्थापना की 1905 में बंगाल के विभाजन के बाद उन्होंने पुणे में विदेश वस्त्रो की होली जलाई. वीर संवारकर जी रुसी क्रन्तिकारी से बहुत ज्यादा प्रभावित थे.
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प्रमुख कार्य सावरकर जी के
- सवारकर भारत के प्रथम व्यक्ति थेजिन्होंने अंग्रेज सरकार के विरोध में लन्दन में क्रांति आन्दोलन संगठित किया.
- वे पहले भारतीय राजनितिक कैदी थे जिसने एक अछूत को मंदिरों का पुजारी बनाया था.
- वे गाय को एक उपयोग पशु कहते थे.
- वे प्रथम क्रन्तिकारी थे जिन पर स्वतंत्र भारत की सरकार ने झूठा मुकदमा चलाया और बाद में उनके निर्दोष साबित होने पर उनसे माफ़ी मांगी
अन्य जानकरी जल्द ही अपडेट कि जायगी……………..